अहमदाबाद न्यूज डेस्क: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना तेजी से अंतिम रूप ले रही है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का निर्माण नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना की कुल लागत ₹1.08 लाख करोड़ आंकी गई है, जिसमें से अब तक ₹78,839 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। रेल मंत्रालय इसे भारत के परिवहन भविष्य के रूप में देख रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 23 जुलाई को लोकसभा में जानकारी दी कि गुजरात के वपी से साबरमती सेक्शन को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस खंड में वपी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती समेत कुल आठ स्टेशन होंगे। वहीं, मुंबई से साबरमती तक पूरे रूट पर कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं। रेल मंत्री का यह बयान सांसद मुकेशकुमार दलाल और देवुसिंह चौहान के प्रश्न के जवाब में आया।
परियोजना के निर्माण कार्य में एक और मील का पत्थर इस महीने तब पार हुआ जब महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से शिलफाटा तक बन रही 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का पहला ब्रेकथ्रू पूरा हुआ। इस सुरंग का 5 किलोमीटर हिस्सा ‘न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ (NATM) से बनाया जा रहा है, जबकि 16 किलोमीटर भाग को टनल बोरिंग मशीन से तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि इसमें 7 किलोमीटर लंबी अंडरसी (पानी के नीचे) सुरंग भी शामिल है जो ठाणे क्रीक के नीचे से गुजरेगी।
मंत्रालय ने पूरा प्रोजेक्ट दिसंबर 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। अगर यह समयसीमा पूरी होती है तो भारत हाई-स्पीड रेल नेटवर्क वाले देशों की कतार में खड़ा हो जाएगा। इस बुलेट ट्रेन के चालू होने से न केवल सफर की रफ्तार बढ़ेगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी।